Monday 5 October 2015

BJP holds strong position in bihar assembly

बिहार में व्यस्त मुजफ्फरपुर बस-स्टैंड पर दोपहर के समय में राजनीतिक चर्चा और चर्चा के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे चर्चा में और लोग जुड़े और सबों की उत्सुकता बढ़ती गई। सभी भरपूर तारीफ कर रहे थे।
विश्वंभर ठाकुर कहते हैं, “वे इस देश के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री हैं” इस पर उसके बगल में खड़े एक व्यक्ति ने आधे मन से कहा, “वे लाल बहादुर शास्त्री के बाद इस देश के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री हैं
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें श्री मोदी की कौन सी बात पसंद है तो उन सबों ने श्री मोदी की ढ़ेरों “उपलब्धियां” गिना दीं गजेन्द्र सिंह कहते हैं, “हम रोज टीवी देखते हैं उन्होंने विदेशों में भारत का नाम रौशन किया है पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की उतनी साख नहीं थी लेकिन अब अमेरिका भी सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन कर रहा है”  
चर्चा में शामिल हुए कुछ और लोग कहते हैं: कई सारे बैंक खाते खुले हैं, उन्होंने बिहार के लिए विकास पैकेज की घोषणा की और “लालू प्रसाद की तरह वे जातिवाद की राजनीति नहीं करते” जब उनसे पूछा गया कि दाल महंगी क्यों है तो सबका भाव क्षमाप्रार्थी स्वरुप हो गयाएक ने थोड़ा-सा व्याकुल होते हुए कहा, “वो क्या कर सकते हैं जब उत्पादन कम हो गया तो?”
मोदी जी के करिश्मे जातिगत भेदभाव से ऊपर
बिहार के चुनावी माहौल में व्यस्त मुजफ्फरपुर बस-स्टैंड पर जुटी भीड़ में से ज्यादातर लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। एक व्यक्ति जो इन सबों से असहमत था, उसने न्यूज़पेपर में प्रकाशित एक लेख दिखाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों से बहुत कम लाभ मिला है। उसका नाम मोहम्मद सलीम था। संवाददाता के इस जगह से जाने के बाद इसी परिप्रेक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए टैक्सी ड्राइवर कहता है – “यह भूमिहार का इलाका है। मतदाता जातियों के आधार पर बंटे हुए हैं और ऊंची जाति के लोग पूरी तरह से भाजपा के साथ हैं” 
चूँकि भाजपा बिना किसी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चुनाव में जा रही है, भाजपा का राज्य में सत्तारूढ़ जद (यू) और राजद के महागठबंधन से जबर्दस्त मुकाबला है भाजपा के पास ऊंची जाति के लोगों का तो जबर्दस्त समर्थन है ही; राम विलास पासवान और जीतन राम मांझी के साथ गठबंधन होने के कारण भाजपा को दलित और महादलित का भी समर्थन है इन मुद्दों को ध्यान से देखने वाले मानते हैं कि 2014 का लोकसभा चुनाव एक ऐतिहासिक क्षण था
बिहार कांग्रेस के एक नेता कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि नरेन्द्र मोदी के आने और उनके प्रभाव से पार्टी को एक नई उर्जा मिली है, पार्टी का आधार मजबूत हुआ है और ज्यादा से ज्यादा लोग पार्टी से जुड़े हैं
लेकिन जल्द ही एक कहते हैं कि श्री मोदी को लेकर उत्साह सिर्फ़ ऊँची जाति के लोगों तक सीमित नहीं है बल्कि अत्यंत पिछड़ी जाति के लोगों के बीच भी उनको लेकर कम उत्साह नहीं है हालांकि मुस्लिम बस्तियां इस ट्रेंड से सहमत नहीं हैं और लगभग सर्व-सम्मति से मानते हैं कि श्री मोदी खुद एक “प्रतीक” बन गए हैं बजाय उनके “काम” के।
हालांकि इसमें कुछ लोगों को शंका है। गायघाट के जारण गाँव के एक अत्यंत पिछड़ी जाति के अजित कुमार सहनी असंतोष जताते हुए कहते हैं, “वे भारत से ज्यादा विदेशों में रहते हैं” इस गाँव के लोग नीतीश कुमार से ज्यादा प्रभावित हैं
दरभंगा के पूर्व में सीमांचल क्षेत्र से दो बिल्कुल विपरीत सोच सामने आए हैं - मुस्लिम श्री मोदी से प्रभावित नहीं है और उनका मानना है कि वे वादे बहुत करते हैं लेकिन उसे पूरा नहीं करते जबकि हिंदूओं का श्री मोदी में काफ़ी विश्वास है अत्यंत पिछड़ी जाति के राजबंसी जाति के हरिलाल मंडल कहते हैं, “अगर श्री मोदी 10 साल प्रधानमंत्री रह गए तो इस देश के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होगा।” उनका गाँव, अन्धासुर मुस्लिम बहुल सीमांचल के बिल्कुल बीचों-बीच स्थित है
मंडल ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की तारीफ की है लेकिन यह भी कहा है: योजना के तहत खोले गए खातों में पैसे नहीं आये हैं। लेकिन इसके बाद अगर लोगों के पैसा नहीं भी है तो कम-से-कम उनके खाते तो हैं।”
यह स्पष्ट है कि श्री मोदी के भाषण लगातार टीवी पर प्रसारित हो रहे हैं – जिसे कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी प्रचार के रूप में देखते हैं और यह भी मानते हैं कि इससे उनका प्रभाव बढ़ रहा है। मंडल ने यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री को काफी नजदीक से फॉलो करते हैं
खगड़िया के महेशखूंट गाँव के एक मैदान में ताश खेलते हुए एक समूह ने एक दिलचस्प बात कही ओबीसी के चौरसिया जाति के व्यस्क लोग नीतीश कुमार के द्वारा पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए किये गए कार्यों और योजनाओं की तारीफ़ करते हैं जबकि युवा श्री मोदी की तारीफ करते हैं   

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